बांके बिहारी मंदिर नहीं जातीं हेमा मालिनी, आखिर क्या है वजह

मथुरा। कृष्ण की अनन्य भक्त, मशहूर अदाकारा व सांसद हेमा मालिनी यदि यह कहें कि वह बांके बिहारी के मंदिर में दर्शन करने नहीं जाती हैं, इससे घबराती हैं, तो यह सुनने में अजीब लगेगा। लेकिन यह सच है और उन्होंने यह स्वयं कहा है। हेमा मालिनी ने वृंदावन में बांकेबिहारी काॅरिडोर बनने का खुलकर समर्थन किया। सांसद ने कहा कि बांके बिहारी के मंदिर में आज इतनी भीड़ उमड़ती है कि वहां व्यवस्थाएं चौपट हो गई हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद भी वहां नहीं जातीं, क्योंकि वहां महिलाओं के साथ अभद्रता होने का डर रहता है। बताया कि उनकी हेयर ड्रेसर जया जो मुंबई से आई थीं बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करने गईं तो वहां उनके साथ बदसलूकी हुई। उनके बाल नोंच डाले गए। वह घबराकर वापस आ गईं। उनका अनुभव बहुत खराब रहा। हेमा मालिनी ने कहा कि सेवायतों को यह बात समझनी चाहिए कि विकास के लिए यह बहुत जरूरी है।

न केवल महिलाएं बल्कि सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि कॉरिडोर बने। कॉरिडोर बनने से सेवायतों की पूजा पद्धति में कोई फर्क नहीं आ रहा है और न ही उनको वहां से हटाया जाएगा। इस प्रकरण को लेकर सांसद हेमा मालिनी इन दिनों मथुरा में ही हैं और लोगों से बात कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस समय कॉरिडोर बनाने का सबसे बेहतर अवसर है। यह अवसर बार-बार नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि सेवायतों को इसे समझना चाहिए और कॉरिडोर बनाने में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वृंदावन का मूल स्वरूप मंदिरों का है। यह बना रहना चाहिए। आजकल तमाम रेस्टोरेंट-होटल यहां खुल गए हैं, जो मंदिरों के बीच में आ गए हैं। इन सबके लिए अलग से एक जगह बननी चाहिए और मूल वृंदावन में केवल मंदिर ही स्थापित किए जाएं। ऐसे किसी कमर्शियल बिल्डिंग को यहां अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, इसके बारे में प्रशासन को सोचना होगा।

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