दिल्ली। पश्चिम एशिया में तनाव के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को तेल की कीमत को लेकर सख्त चेतावनी दी। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, ‘सभी तेल के दामों को नीचे रखो। मैं देख रहा हूं। आप दुश्मन के हाथों में खेल रहे हो। ऐसा मत करे।’ एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘ऊर्जा विभाग से कह रहा हूं- तेल निकालो और अभी के अभी निकालो। मैं बिल्कुल गंभीर हूं- अभी करो!’ ट्रंप पहले भी अमेरिकी तेल उत्पादन बढ़ाने और विदेशी तेल पर निर्भरता घटाने की मांग करते रहे हैं। एक दूसरी पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, ‘क्या मैंने सही सुना कि रूस के पूर्व राष्ट्रपति (दिमित्री) मेदवेदेव ने बिना परवाह के ‘एन’ शब्द (यानी परमाणु हथियारों) का जिक्र किया और कहा कि वह और कुछ अन्य देश ईरान को परमाणु वारहेड देंगे? क्या उन्होंने सच में ऐसा कहा है या यह मेरी कल्पना है।
अगर यह सच है और पुष्टि हो जाए, तो कृपया तुरंत मुझे बताएं। परमाणु हथियारों के बारे में इतनी आसानी से बात नहीं करनी चाहिए। शायद इसलिए पुतिन ‘बॉस’ कहलाते हैं। वैसे, अगर आपको लगता है कि हमारे हथियार पिछले साप्ताहांत में शानदार थे, तो सबसे ताकतवर और बेहतरीन हथियार हमारी परमाणु पनडुब्बियां हैं। ये सबसे खतरनाक हथियार हैं, जिन्होंने अभी हाल ही में 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागीं, और सभी सही निशाने पर लगीं। हमारे बहादुर लड़ाकू पायलट के साथ-साथ कप्तान और चालक दल को भी धन्यवाद!’
ईरानी शासन को बदलने की कोशिश नहीं कर रहा अमेरिका: व्हाइट हाउस
इस बीच, व्हाइट हाउस ने साफ किया है कि अमेरिका ईरान में सरकार बदलने की कोशिश नहीं कर रहा है। यह सफाई तब आई है, जब राष्ट्रपति ट्रंप ने पहली बार रविवार को सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे को उठाया। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, राष्ट्रपति का रुख और हमारी सैन्य स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। टाइम्स ऑफ इस्राइल के मुताबिक लेविट ने कहा, राष्ट्रपति ने केवल एक सवाल उठाया, जो दुनिया भर के कई लोग पूछ रहे हैं कि अगर ईरानी सरकार अपना परमाणु कार्यक्रम छोड़ने से इनकार करती है या बातचीत के लिए तैयार नहीं होती… अगर वह आगे भी कूटनीति से इनकार करती है, तो ईरानी जनता को इस क्रूर आतंकी शासन के खिलाफ क्यों नहीं खड़ा होना चाहिए?
रेजा पहलवी ने की ईरान में सत्ता संभालने की पेशकश
ईरान के अंतिम शाह के बेटे रेजा पहलवी ने ईरान की सत्ता संभालने और देश को लोकतंत्र की ओर ले जाने की पेशकश की। पेरिस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि (अयातुल्ला अली खामनेई का) शासन हारा हुआ है, कमजोर है और पतन के कगार पर है। उन्होंने बताया, मैं राजनीतिक सत्ता नहीं चाहता, बल्कि हमारे महान राष्ट्र को इस कठिन समय में स्थिरता, स्वतंत्रता और न्याय की ओर ले जाने में मदद करना चाहता हूं। रेजा पहलवी 17 साल की उम्र में ईरान छोड़ गए थे, जो 1979 के इस्लामी क्रांति से ठीक पहले की बात है। कई ईरानियों के पास उनके पिता के शासनकाल के दौरान हुई दमनकारी घटनाओं की बुरी यादें हैं। वहीं कुछ लोग उनके इस्राइल से संपर्क को लेकर भी उन्हें खारिज सकते हैं। कई बड़े ईरानी विपक्षी समूह विदेश में हैं, लेकिन वे एकजुट नहीं हैं और यह भी स्पष्ट नहीं है कि इनमें से किसी को देश के भीतर कितना समर्थन प्राप्त है।