तंबाकू और खराब लाइफ स्टाइल तेजी से फैला रहे कैंसर: रिपोर्ट विस्तार से

जयपुर। जानलेवा कैंसर का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। राजधानी जयपुर के प्रताप नगर स्थित स्टेट कैंसर संस्थान के अधीक्षक और वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप जसूजा का कहना है कि 5 साल पहले इस कैंसर इंस्टिट्यूट की शुरुआत हुई थी। पिछले 5 सालों में यहां तेजी से कैंसर के मामले सामने आए हैं। बदलती लाइफ स्टाइल, तम्बाकू, शराब का सेवन और खाने-पीने की वस्तुओं में पेस्टीसाइड के उपयोग के कारण कैंसर के मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। जयपुर के स्टेट कैंसर संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार बीते 5 सालों में यहां कैंसर के मामले करीब 10 गुना बढ़े हैं।
ओरल और लंग्स कैंसर का ग्राफ बढ़ा

डॉ. जसूजा का कहना है कि कैंसर इंस्टिट्यूट में 5 सालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। खासतौर पर ओरल यानी मुंह के कैंसर के मामलों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसका मुख्य कारण है तंबाकू का उपयोग। इतना ही नहीं तंबाकू के सेवन के कारण न केवल बड़ी उम्र बल्कि युवाओं में भी ओरल कैंसर का ग्राफ बढ़ रहा है। स्टेट कैंसर संस्थान में जहां साल 2020 में लंग्स कैंसर के मरीजों की संख्या लगभग 100 थी, वहीं 2024 में इनकी संख्या बढ़कर 900 को पार कर गई है।

स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की मानें तो राजस्थान में पिछले पांच सालों में 
1.ओरल कैंसर के मामले 56 से बढ़कर 521
2.लंग्स कैंसर के मामले 100 से बढ़कर 964
3.हैड और नैक के 30 से बढ़कर आंकड़ा 347
4.ओवरी कैंसर के 80 से बढ़कर 487
5.ब्रेस्ट कैंसर के 120 से 887
6.सर्वाइकल कैंसर 70 से बढ़कर 265
7.पेट के कैंसर के मामले 50 से बढ़कर 476 हो गए हैं।

समय पर पता नहीं लग पाती बीमारी-डॉक्टर जसूजा का कहना है आमतौर पर कैंसर का पता सही समय पर नहीं लग पाता ऐसे में यदि स्क्रीनिंग की जाए तो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का पता लगाया जा सकता है। कई बार तो मरीज कैंसर की आखिरी स्टेज लेकर अस्पताल पहुंचता है इसलिए स्क्रीनिंग जरूरी है। डॉ. जूसजा का कहना है कि पिछले कुछ समय से लोगों में स्क्रीनिंग को लेकर जागरूकता आई है। सरकार द्वारा समय-समय पर स्क्रीनिंग और कैंसर को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसके कारण भी कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी दिख रही है। क्योंकि लोग धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं और इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं कैंसर इंस्टिट्यूट में अब OPD भी लगातार बढ़ रही है और पिछले कुछ समय से इलाज से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हुआ है, जिसके कारण आसानी से लोगों  को इलाज मिल पा रहा है। इसके साथ ही कैंसर के इलाज में काम आने वाली दवाओं की खरीद भी सरकार अपने स्तर पर कर रही है। 

केमिकल और पेस्टीसाइड घातक-डॉक्टर जसूजा का कहना है कि पिछले कुछ समय से सब्जियों और फलों में पेस्टीसाइड और कैमिकल का उपयोग बेतहाशा किया जा रहा है, जिसके कारण शरीर का मेटाबॉलिक सिस्टम  खराब हो रहा है और इसके कारण कैंसर का खतरा कई  गुना तक बढ़ जाता है। पेस्टीसाइड और कैमिकल का उपयोग, एल्कोहल और तंबाकू और  बिगड़ती लाइफ स्टाइल से  कैंसर  होने का खतरा 70 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसके अलावा खाने में अधिक फैट का उपयोग करना और एक्सरसाइज नहीं  करना भी इसके मुख्य कारणों में शामिल है डॉक्टर जसूजा का कहना है कि घर  में उपयोग होने वाली  फल और सब्जियों को  अच्छी  तरह  धोकर  काम में लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कैंसर से बचने के लिए लाइफ स्टाइल सुधाराना सबसे जरूरी है। इसके लिए मिलावटी  और पेस्टीसाइड  युक्त खाद्य पदार्थों से दूरी बनानी आवश्यक है, वजन को नियंत्रित करना जरूरी है, एक्सरसाइज के  माध्यम  से भी कैंसर  से बचा जा सकता है। कैंसर से जुड़े स्क्रीनिंग करवाना चाहिए और लक्षण  दिखाई देने पर तुरंत  चिकित्सक से  सलाह  लेना चाहिए।

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