“बांकेबिहारी” सोशल मीडिया पर भी सामने आ रही रार, महिलाओं ने भगवान से लगाई न्याय की गुहार

मथुरा। जहां राधा-कृष्ण की लीलाएं जन-जन के हृदय में बसती हैं, वहीं इन दिनों एक ऐसा विवाद जन्म ले चुका है, जिसने मंदिरों के भीतर ही नहीं, बल्कि परिवारों के भीतर भी दरार डाल दी है। बांके बिहारी मंदिर और राधा वल्लभ मंदिर दो ऐसे प्रमुख मंदिर, जो लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं। आज बांकेबिहारी कॉरिडोर के मुद्दे पर एक परिवार में वैचारिक टकराव हो रहा है। बांकेबिहारी मंदिर में सेवायतों के बीच मतभेद ने एक नई दिशा ले ली है। सेवायत दिनेश गोस्वामी, जहां सरकार के प्रस्तावित कॉरिडोर के समर्थन में हैं, वहीं उनके भतीजे हिमांशु गोस्वामी मुखर विरोध कर रहे हैं। यह मतभेद अब केवल विचारों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सोशल मीडिया पर खुलकर सामने आ गया है।

जहां एक ओर दिनेश गोस्वामी इसे श्रद्धालुओं की सुविधा और मंदिर की भव्यता के लिए जरूरी बताते हैं, वहीं हिमांशु इसे विरासत, परंपरा और स्थानीय श्रद्धालुओं की भावना के विरुद्ध मानते हैं। उनके पोस्ट व वीडियो वायरल हो रहे हैं। इससे भी अधिक जटिल स्थिति राधा वल्लभ मंदिर में सामने आई है। यहां तिलकायत अधिकारी मोहित मराल गोस्वामी ने कॉरिडोर के विरोध में सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर साफ शब्दों में कहा कि कुंज बिहारी को कॉरिडोर बिहारी न बनाया जाए। उन्होंने कॉरिडोर का विरोध दर्ज किया। मंगलवार को सेवायत और व्यापारी समाज की महिलाओं ने मंदिर परिसर के चबूतरे पर एकजुट होकर सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया।

महिलाओं ने ठाकुर बांके बिहारी जी की देहरी का विधिवत पूजन किया और विनय पचासा का गायन कर भगवान से न्याय की गुहार लगाई। डीएम चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि अब एक ही टीम सर्वे करेगी। एडीएम (वित्त एवं राजस्व) डॉ. पंकज वर्मा के नेतृत्व में 29 सदस्यीय टीम बनाई है। इसमें 11 अधिकारियों को मुख्य भूमिका में रखा है। अन्य को सहयोग करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह टीम सर्वे और निर्माण से संबंधित अन्य कार्यों को देखेगी। इससे पहले डीएम ने तीन टीमों में 27 अधिकारी व कर्मचारी शामिल किए थे। 

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